बवासीर क्या है?
बवासीर को 2 और नाम से जाना जाता है इसे Piles और Anus की बीमारी भी कहा जाता है. यह बीमारी बहुत ज्यादा तकलीफदेह होती है, लेकिन इसका अगर शुरुआत में ही ध्यान दिया जाए तो इस बीमारी को कुछ ही दिनों में खत्म कर सकते हैं. बवासीर रोग मलद्वार जगह पर होता है. Rectum के नीचे वाले हिस्से में सूजन आने लगती है जिसके कारण गुदे के अंदर और बाहर मस्से बन जाते हैं और कई बार मलद्वार करते समय रक्त भी आने लगता है. इसे ज्यादा गंभीर होने से पहले ही रोक देना चाहिए नहीं तो यह भगंदर का रूप धारण कर लेता है जिसे हम FISTULA भी बोलते हैं जो काफी ज्यादा दर्दनाक होता है.
बवासीर कितने प्रकार की होती है? (Types of Piles)
बवासीर दो प्रकार की होती है- खूनी बवासीर और बादी बवासीर . दोनों प्रकार की बाबासीर को रोकने के लिए यह नीचे दिए गए आयुर्वेदिक इलाज कीजिए बिल्कुल ठीक हो सकती है.
खूनी बवासीर क्या होती है? (What is blood Piles)
जब आप मल त्याग करते हैं तो उसमें खून आता है और सबसे बड़ी बात यह बवासीर मैं दर्द नहीं होता, और गुदा के अंदर मस्से हो जाते हैं, जिससे मल त्याग करते समय थोड़ा-थोड़ा खून टपकता रहता है, कभी-कभी यह खून प्रेशर में भी आ सकता है.
बादी बवासीर क्या होता है?
बादी बवासीर में मस्से बाहर की ओर देख सकते हैं इस बवासीर रोग से कब्ज और गैस की समस्या बनी रहती है और जिससे यह मर्सी मे सूजन आ जाती है और खून जमा होने लगता है जिससे आपकी तकलीफ बहुत ज्यादा बढ़ जाती है और आपको चलने में और बैठने से दोनों में तकलीफ होने लगती है. मलत्याग करने के बाद यह दर्द लगातार रहता है.
बवासीर के लक्षण को कैसे पहचाने? (Symptoms of Piles)
- गुदा के आसपास खुजली रहना, लालीपन और सूजन रहना
- कठोर गांठ गुदा के आसपास होना दबाने के बाद इस में दर्द होना और कभी कभी खून भी आ सकता है
- मल त्याग करने के बाद भी ऐसा लगना कि आपका पेट साफ नहीं हुआ है
- मल त्याग करते समय खून आना और हल्की-हल्की बूंदे खून की टपकना अगर यह लगातार 1 हफ्ते से ऊपर हो जाए तो इसे अनदेखा मत करें तुरंत जांच करवाएं
- म्यूकस का आना मल त्याग करने के बाद
- मल त्याग करते समय आपको बहुत ज्यादा पीड़ा महसूस होती है तो यह बवासीर के लक्षण हो सकते हैं
- जैतून के तेल को बादी बवासीर के मस्सों पर सुबह , दोपहर और शाम को लगाएं क्योंकि जैतून का तेल सूजन कम करने में काफी मदद करता है इससे आपके जो गांठ होगी उसके सूजन को कम कर सकता है.
- नींबू और दूध – बादी बवासीर में आपको करना क्या है एक नींबू ले लीजिए और उसको काट कर किसी कटोरी में उसका रस निकाल लीजिए ध्यान देना उसमें जो बीज होते हैं वह बाहर निकाल दीजिए अब आपको करना क्या है 250ml दूध गिलास में ले लीजिए और यह दूध नॉर्मल टेंपरेचर में होना चाहिए . फिर आपने करना क्या है नींबू रस को जो आप ने निकाला है उसको इस दूध में डाल दीजिए और मिक्स मत करना तुरंत डालने के बाद इसको पी जाइए. ध्यान रखना अगर आप इसको मिक्स करेंगे तो आपका दूध फट जाएगा तो तुरंत डालकर उसी वक्त पीना है ऐसा आपने 15 दिन लगातार करना है जिससे आपका पेट साफ हो जाएगा और बवासीर का रोग बिल्कुल जड़ से खत्म हो जाएगा.
- जीरा, धनिया और सौफ खूनी बवासीर का इलाज– इसके लिए आपको करना क्या है एक चम्मच जीरा और एक चम्मच साबुत धनिया ले और एक चम्मच सौफ ले, फिर आपने इसे एक गिलास पानी में डाल देना है ऐसा करने के बाद आपको इसे गलास पानी को किसी बर्तन में डालकर गर्म कर लीजिए और तब तक गर्म करें जब तक जब पानी आधा ना रह जाए और इसके बाद इसको अच्छी तरह से छान लीजिए और इस पानी में आपको गाय का देसी घी का आधा चम्मच मिलाकर इसको सुबह-शाम लगातार एक हफ्ता पीजिए ऐसा करने से आपका खूनी बवासीर बिल्कुल दूर हो जाएगा और यहां तक कि आपके मलद्वार द्वारा पहले दिन से ही खून आना बंद हो जाएगा.
- 2 जा 3 अंजीर रात को पानी में भिगो दें और सुबह इसको खाली पेट खा ले और साथ में इसका पानी भी पी लीजिए ऐसा आपको 20 दिन करना होगा आपको बवासीर रोग में काफी ज्यादा लाभदायक होगा.
- पक्का केला और पका पपीता इसका सेवन अपनी डाइट में जरूर शामिल कर ले क्योंकि इससे आपका बवासीर रोग को कम करने में काफी ज्यादा मदद मिलेगी. दिन में एक केला और खाना खाने के बाद पपीता जरूर खाएं इससे आपकी पेट की समस्या दूर हो जाएगी जोशी आपको बवासीर रोग में काफी फायदा पहुंचेगा.