बड़ी दूधी घास को और किस नाम से जाना जाता है
इस दूधी घास को मिल्क एडम के नाम से भी जाना जाता है और हिंदी में दूधी और दूधी घास कहते हैं. संस्कृत में दूधी घास को दुगिधका और नागार्जुनी के नाम से बुलाया जाता है
गुजराती में दुधेली, मराठी मे लाहन और नायटी कहते हैं.
बड़ी दूधी के 10 औषधीय गुण जिसे सुनकर चौक जाओगे
1. बड़ी दूधी घास के पत्तियों का रस निकालकर सिर पर मालिश करने से बाल सफेद होना बंद हो जाते हैं और गंजापन खत्म हो जाता है जिससे नए बालों की ग्रोथ होना शुरू हो जाती है.
2. अगर किसी व्यक्ति की नकसीर टूटती है नाक में बार-बार खून बहता है तो आपको दूधी पत्तियां फूल को सुखाकर चूर्ण बनाकर उसमें मिश्री मिलाकर ब्रिकी से पीसकर एक चम्मच सुबह शाम को खाने से नकसीर टूटना बंद हो जाती है.
3. अगर किसी बच्चे की मां के स्तनों में दूध आना बंद हो जाए जब बिल्कुल दूध ना आए तो दूधी घास महिलाओं के लिए बहुत ही उपयोगी जड़ी बूटी है.
उन महिलाओं को आधा ग्राम से लेकर 1 ग्राम तक दूधी घास का दूध सुबह शाम पीजिए ऐसा बस 15 दिन में करेंगे तो बच्चे की मां के स्तनों में दूध आने की संभावना बढ़ जाती है.
4. दाद खुजली होने पर और चेहरे पर कील मुंहासे होने पर दूधी घास का दूध लगाने से खुजली और कील मुंहासे ठीक हो जाते हैं.
5. बड़ी दूधी के पत्तियां फूल का चूर्ण बना लीजिए और 5 बदाम पीस लीजिए और थोड़ी सी मिश्री पीस लीजिए और तीनों को मिलाकर इसका एक चूर्ण बना लीजिए अगर कोई इसका रोजाना सेवन करता है तो बड़ी से बड़ी कमजोरी दिनों में ठीक हो जाती है इससे पुरुषों का वीर्य कोश गाढ़ा होता है .
6. जिन महिलाओं को गर्भवती होने की समस्या रहती है उनके लिए दूधी घास का दूध निकाल कर और पत्तियों का चूर्ण बनाकर रोजाना सेवन करने से महिलाओं का बांझपन दूर हो जाता है.
7. अगर किसी के पेट में कीड़े हो तो उसे ठीक करने में दूधी घास उसका कर चूर्ण बनाकर खाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं.
8. इससे जलोदर का रोग भी ठीक होता है.
9. पेचिश जैसे रोगों के लिए दूधी घास की पंचांग का 10 ग्राम चूर्ण और आधा चम्मच शहद मिलाने से खाने से बहुत फायदा होता है और ज्यादा ब्लीडिंग आना बंद हो जाती है.
10. अगर बच्चों को दस्त हो जाए तो उनको 2 ग्राम चूरन देने से अतिसार मैं लाभ होता है और आंतों को बल मिलता है जिससे बार-बार मल जाने की समस्या दूर हो जाती है.