शुरुआती मोतियाबिंद का अब इलाज घर बैठे कीजिए सिर्फ आपको 6 से 7 हफ्ते इस मेडिसिन का प्रयोग करना है.
सफेद मोतिया( मोतियाबिंद) क्या है?
अब मोतियाबिंद आम समस्या बनता जा रहा है जिससे जुबा से लेकर बड़े बुजुर्ग प्रभावित हो रहे हैं. अगर शुरुआत में ही इसका ध्यान ना दिया जाए तो आपकी आंखों की रोशनी भी आ सकती है. आंखों का एक स्पष्ट भाग लेंस होता है , जिस से रेटीना कोई भी इमेज या लाइट फोकस होती है और रेटिना आंख का पिछला भाग होता है और प्रकाश के प्रति संवेदनशील उत्तक है. और हमारे लेंस में एक सफेद धक्का बन जाता है जिस से लेंस धुंधला होने लगता है और लाइट लेंस से अच्छी तरह से गुजर नहीं पाती जिससे आपको कोई भी चीज देखने में परेशानी आने लगती है.
मोतियाबिंद के कारण क्या हो सकते हैं.
मोतियाबिंद के कारण का स्पष्ट रूप से पता तो नहीं लगा है लेकिन कुछ कारण मैं आपको बताने जा रहा हूं.
- उचित रक्तदाब
- आंखों में चोट लगना
- आंखों की रोशनी लंबे समय से कम हो और सही तरीके से चेक अप ना करवाना
- मोटापा
- विटामिन ए की कमी रहना
- आंखों की पहले सर्जरी हुई हो
- किसी आंख का ऑपरेशन हुआ हो
- उम्र का बढ़ना
- धूम्रपान का सेवन करना
- ज्यादा शराब का सेवन करना
- डायबिटीज
सफेद मोतियाबिंद के लक्षण-
- देखने में धुंधलापन जा अस्पष्टता हो
- रंगों को पहचान करने में बदलाव
- रोजाना सिर में दर्द रहना
- आंखों में भारीपन महसूस होना और पेन महसूस होना
- दोरी दृष्टि (double vision)
- नजदीकी इमेज देखने में परेशानी
- रात को ड्राइवरी करते समय परेशानी
- आमलकी रसायन 200 ग्राम
- अमृत लो 20 ग्राम
- मुक्ता पिष्टी दो तो 10 ग्राम
- मुक्ताशुक्ति भस्म 10 ग्राम