अश्वगंधा जड़ी बूटी ( Ashwagandha jadi buti),अश्वगंधा जड़ी बूटी के फायदे इतने और नुकसान कम

अश्वगंधा जड़ी बूटी क्या है? Ashwagandha jadi buti (what is ashwagandha jadi buti) –

इस धरती पर काफी अशुद्धियां  जड़ी-बूटी हैं जिनमें में से एक बहुत उपयोगी जड़ी-बूटी अश्वगंधा( ashwagandha jadi buti) है, यह जड़ी-बूटी अपनी मेडिसन गुणों के लिए जानी जाती है और इसका प्रयोग छोटी उम्र से लेकर बड़ी उम्र तक के लोग अपने आपको काफी बीमारी से स्वस्थ रखने के लिए करते हैं. इस जड़ी बूटी को उत्तरी अफ़्रीका और भारत में पाया जा सकता है. इसे विटर चेरी के नाम से भी जाना जाता है और अश्वगंधा जड़ी बूटी ऐसी जड़ी बूटियों में एक है जिससे काफी लाइलाज बीमारियों का इलाज किया जा सकता है यह थोड़ी सी कड़वी जरूर है लेकिन इसके फायदे जानकर आप हैरान हो जाएंगे . 

अश्वगंधा जड़ी बूटी ( Ashwagandha jadi buti),अश्वगंधा जड़ी बूटी के फायदे  और नुकसान ,ashwagandha churn benefits in hindu


अश्वगंधा जड़ी बूटी का पौधा 1 से लेकर डेढ़ मीटर तक लंबा होता है और इसकी पत्तियों की शेप अंडाकार होती है. इसका फल मटर के दाने जितना होता है और पकने के बाद इसका रंग लाल हो जाता है. अगर हम अश्वगंधा की जड़ों की बात करें तो 40 से 45 सेंटीमीटर लंबी  और दो से  5 सेंटीमीटर  चौड़ी मूली की तरह होती है .

अश्वगंधा की जड़ों की मांग भारत में 7000 से लेकर 8000 टन 1 साल में है.इसमें एंटीबायोटिक गुणों से भरपूर होने के कारण आयुर्वेदिक में जड़ी बूटी का प्रयोग काफी बीमारियों का इलाज करने के लिए होता है.

अश्वगंधा जड़ी बूटी के फायदे-

कोलेस्ट्रोल को काफी हद तक कम करता है अश्वगंधा-

जी हां अश्वगंधा का चूर्ण का नियमित रूप से प्रयोग करने से एलडीएल कोलेस्ट्रॉल जानी कि खराब कोलेस्ट्रॉल और टोटल केलोस्ट्रोल को कम करता है यही नहीं यह शरीर के अच्छे वाले कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में भी मदद करता है. अश्वगंधा में हाइपोलिपिडेमिक की मात्रा होती है जिससे कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद मिलती है.

अश्वगंधा जड़ी बूटी के चूर्ण का योन क्षमता बढ़ाने में लाभदायक- 

जिन लोगों को योन क्षमता की बुद्धि को बढ़ाना है उनके लिए दूध के साथ अश्वगंधा चूर्ण ले इनसे वीर्य की गुणवत्ता और गाढ़ा करने में फायदा करता है. इससे आपके स्पर्म काउंट बढ़ने में काफी ज्यादा मदद मिलेगी.

कैंसर जैसे घातक रोगों को कम करने में अश्वगंधा काफी ज्यादा सहायक-

इसका सेवन करने से जिन लोगों को कैंसर की बीमारी है उनको और फैलने से रोकता है क्योंकि यह शरीर का प्रतिरोध क्षमता इतनी बढ़ा देता है के कैंसर के सेल आगे नहीं बढ़ पाती जिससे कैंसर कंट्रोल करने में अश्वगंधा कमाल की जड़ी बूटी है .

अनिद्रा रोगों के लिए अश्वगंधा का चूर्ण-

आजकल भाग दौड़ की जिंदगी में बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो लोगों को रात को नींद नहीं आती जाने की नींद की समस्या रहती है. डॉक्टरों की सलाह से आप इसको रात को सोते समय ले सकते हैं और इस के पत्तों में triethylene ग्लाइकोल नमक होता है जिससे आपको रात को सोते समय अच्छी नींद का आनंद मान सकते हैं.

अश्वगंधा शरीर में तनाव (stress) कम करने में-

यदि आप किसी वजह के कारण टेंशन में रहते हैं तो अश्वगंधा का तेल या काढ़ा बनाकर पीने से इस समस्या से आप काफी हद तक राहत पा सकते हैं.

डायबिटीज रोगों के लिए अश्वगंधा जड़ी बूटी-

अश्वगंधा का चाहे आप काढ़ा बनाकर पिए चाहे ऑफिस का चूर्ण का इस्तेमाल करें तो शरीर में ग्लूकोज की मात्रा को कम करने में अश्वगंधा काफी फायदेमंद है.

शरीर कमजोरी दूर करता है अश्वगंधा-

यदि आपका शरीर कमजोरी फील करता है या आपके शरीर में बिल्कुल ऊर्जा खत्म हो रही है किसी काम करने में आपका मन नहीं लगता और हमेशा आपका शरीर सुस्ती जैसा रहता है तो आपके शरीर की इम्यूनिटी पावर बढ़ाने में अश्वगंधा चूर्ण का प्रयोग रात को दूध के साथ सर्दियों में कम से कम एक मंथ जरूर कीजिए.

अश्वगंधा यादाश्त बढ़ाने के लिए फायदेमंद-

अगर किसी व्यक्ति को लगता है कि उसे भूलने की बीमारी शुरू हो रही है जा अपनी मेमोरी को शार्प बनाना चाहता है तो अश्वगंधा का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह से करें.

थायराइड बीमारी को कम करती है अश्वगंधा जड़ी बूटी और अर्थराइटिस(joint pain) से आराम मिलता है.

अश्वगंधा जड़ी बूटी का इस्तेमाल कैसे करें.

आप चाहे तो इसे ऑनलाइन भी मंगवा सकते हैं आपको यह अश्वगंधा चूर्ण बढ़िया कंपनी का मंगवा सकते हैं. नहीं तो आपको करना क्या है पंसारी की दुकान से अश्वगंधा की सूखी जड़ों को लेकर अच्छी तरह से पीसकर इसका पाउडर बनाकर रख लीजिए.

इसके पत्तों को सुखाकर और जड़ों को सुखाकर आप इसका पाउडर बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं, इसको लेने से पहले आप डॉक्टर की सलाह भी ले सकते हैं.

अश्वगंधा के नुकसान (ashwagandha side effects)- 


अश्वगंधा के बहुत सारे फायदे के साथ कुछ नुकसान भी हो सकते हैं जैसे कि दस्त और उल्टी अलग सकती हैं अगर ऐसा कोई संकेत मिले तो इसका प्रयोग बंद कर दें.

इसका ज्यादा प्रयोग करने से गैस बनने की समस्या हो सकती है.

गर्भावस्था में इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि नुकसान भी हो सकता है जैसे कि गर्भपात होने की संभावना बढ़ जाती है.




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